दरिया हैं हम हमें अपना हुनर मालूम हैं। बह जाये जिधर रास्ता उधर ही बन जायेगा । हमारी राजकीय भाषा हिन्दी है हमें हमारी भाषा बोलने में शर्म नही गर्व होना चाहिए । मै अनुराधा कुमारी बिहार के मधुबनी जिला के छोटे से गांव पचहर से हूँ।
आज भी रोज मैसेज करती हर रोज अपने दोस्त के रिप्लाई का राह देखती है। आज भी रोज मैसेज करती हर रोज अपने दोस्त के रिप्लाई का राह देखती है।
इतना सब किया तुम्हें खुश रखने के लिए अपने खुशी को भी कुर्बानी किया। इतना सब किया तुम्हें खुश रखने के लिए अपने खुशी को भी कुर्बानी किया।