सरहद की रेखाओं जैसी आड़ी-टेढ़ी कई रेखाओं से बोझिल, निस्तेज और ओजहीन ! सरहद की रेखाओं जैसी आड़ी-टेढ़ी कई रेखाओं से बोझिल, निस्तेज और ओजहीन !
हर घंटे मेंं लौट तो आती है अपनी जगह, तू तो भूल ही गया जैसे मै था बेमौसम बरसात की तरह। हर घंटे मेंं लौट तो आती है अपनी जगह, तू तो भूल ही गया जैसे मै था बेमौसम ब...
कृपया बेवजह घर से बाहर निकलों ना कोरोना को देश से बाहर निकालों ना। कृपया बेवजह घर से बाहर निकलों ना कोरोना को देश से बाहर निकालों ना।
ये कैसा हज और कैसी नमाज है जो दर्द ना समझें किसी गरीब का ये कैसा हज और कैसी नमाज है जो दर्द ना समझें किसी गरीब का
प्यार करनेवाले अपने प्रेमी काे ही जहाॅ, दुनिया, खुदा और ना जाने क्या क्या कहते है, मानते है... है ना... प्यार करनेवाले अपने प्रेमी काे ही जहाॅ, दुनिया, खुदा और ना जाने क्या क्या कहते ह...
एक सी आँखों की रोशनी सबकी, एक ही मालिक जिसने हमें बनाया। एक सी आँखों की रोशनी सबकी, एक ही मालिक जिसने हमें बनाया।