अनजान चेहरा
अनजान चेहरा
एक अंजान चेहरा जो मुझे क्यो भा रहा है।
न मै उसे और न ओ मुझे जनता फिर भी क्यो लुभा रहा है ।
उसमे क्या खास है पता नही फिर भी क्यो वही भा रहा है ।
उसके चेहरे की हँसी देख सारी गम भूल जाती हूँ बार बार वह याद आ रहा है ।

