दरिया हैं हम हमें अपना हुनर मालूम हैं। बह जाये जिधर रास्ता उधर ही बन जायेगा । हमारी राजकीय भाषा हिन्दी है हमें हमारी भाषा बोलने में शर्म नही गर्व होना चाहिए । मै अनुराधा कुमारी बिहार के मधुबनी जिला के छोटे से गांव पचहर से हूँ।
जब सभी मौज मस्ती की दुनिया में खोया था बेफिक्र तुम अपनी रात की नींद खोया था । जब सभी मौज मस्ती की दुनिया में खोया था बेफिक्र तुम अपनी रात की नींद खोया था ।
ना रहे कभी दूरी यह वादा ले चलो, तू रहे मेरा हमसफर, यह इरादा ले चलो । ना रहे कभी दूरी यह वादा ले चलो, तू रहे मेरा हमसफर, यह इरादा ले चलो ।
मैं अब भी तुम्हें इतना चाहती हूं जितना कि पहले मैं अब भी तुम्हें इतना चाहती हूं जितना कि पहले
एक सरकारी नौकरी से हारा दूसरा अपनी प्रेमिका सेे बिछड़ा। एक सरकारी नौकरी से हारा दूसरा अपनी प्रेमिका सेे बिछड़ा।
चल आज मैं तुम्हारी जीवन गाथा को संंधि विच्छेद करती हूं । चल आज मैं तुम्हारी जीवन गाथा को संंधि विच्छेद करती हूं ।
एक नदी के दो किनारे को कभी मिलतेे देखा है। एक नदी के दो किनारे को कभी मिलतेे देखा है।
कहीं धूप में तो कहीं छांव में वो चेहरा अच्छी लगती हैं। कहीं धूप में तो कहीं छांव में वो चेहरा अच्छी लगती हैं।
जिंदगी का हाथ थाम और आगे की ओर बढ़ चला। जिंदगी का हाथ थाम और आगे की ओर बढ़ चला।
अच्छी बेटी जरूर बनूंगी मैंने पापा को यही बताया था ....। अच्छी बेटी जरूर बनूंगी मैंने पापा को यही बताया था ....।
बेवफा तू भी नहीं, बेवफा मैं भी नहीं तो वफा की रुसवाई क्यों है। बेवफा तू भी नहीं, बेवफा मैं भी नहीं तो वफा की रुसवाई क्यों है।