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Anuradha Kumari

Abstract Drama

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Anuradha Kumari

Abstract Drama

सुनो हमसफर

सुनो हमसफर

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मैं अपने रूठे जीवन को आगाज करना चाहती हूं

मेरी बातें और शरारतें कम हो गई तो क्या हुआ???


मैं अब भी तुम्हें इतना चाहती हूं जितना कि पहले

इस समाज के गंदे पैरोंं को छुड़ाना चाहती हूं ।

जो हमें अतीत से जकड़ रखा है।।

  

पर तुम हो जो समझते ही नहीं, आगे ही नहीं बढ़ने देते।

कितना भी कोशिश करो खुद को जहां थी वही पाती हूं।


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