उनकी यादें
उनकी यादें
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साथ रहते है हमेशा पर सामने आ सकते नही
एक नदी के दो किनारे को कभी मिलतेे देखा है।
देने वाले ने सब कुछ दिया अपने अंंदाज में
सामने तो दुनिया पड़ी है पर उठा सकते नही।
उन्हें यााद करते करतेे जमाना हो गया
पर वो रहतेे कहा हैं उनका ठिकाना पता नही।
