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नविता यादव

Inspirational

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नविता यादव

Inspirational

ऊंची उड़ान

ऊंची उड़ान

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पुलकित हो उन्मुक्त गगन में

दूर चांद, चित् चोरी करे

बिखेेर अपनी स्वर्ण आभा को,

देखो कैसे मनमानी करे।


देख उसकी मनमोहक मुरत,

मेरा मन शंखनाद करे,,

उठ आगे बढ़ ,सर्वसुखकारी बन

निश्छल भाव रख, जरा न अचंभा कर।


पा सकता है,तू "बहुत कुछ,"

"आत्मचिंतन"तो कर

अपने आप छट जाएंगेे सब बादल

तू दृढ़ संकल्प तो कर


उड़ सकेगा पंछी भांति,

छू सकेगा उन्मुक्त गगन को

पार कर पाएगा ,भूूूतल को,,,

तू स्वर्ण पर्वत श्रृंखला देखना तो आरंभ कर।


अपने सोच को इक रूप दे

अपने सपनों को साकार कर

कर्तव्य पथ पर अग्रसर हो

अपने लिए भी जीना शुरू कर

अपने लिए भी जीना शुरू कर।


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