उसकी निगाहें
उसकी निगाहें
क्यों उनकी
निगाहों में ना चढ़ सके
हम उम्मीदों का
एक लंबा सफर कर गये
लोग कहते हैं
उम्र लगती है
रिश्तो को,
मजबूत करने में
हम सारी उम्र,
ये इंतजार कर गये
क्यों उनकी
निगाहों में ना चढ़ सके
जो समझे ही नहीं
प्यार के एहसास को,
मतलबी चेहरों को,
हम भी अब
कर दरकिनार गये
वह सोचते होंगे
अब भी हमारी निगाहें
देखेंगी उम्मीद भर के,
अब हम भी
निगाहें उनसे उतार गये।
