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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

तुम्हारा साथ

तुम्हारा साथ

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तुम साथी थे ,पर साथ नही थे।

जब भी चाहा साथ तुम्हारा

वह हाथ नहीं थे।

अकेला रहा या भीड़ में रहा ।

जब भी चाहा साथ तुम्हारा ।

तुम साथ नहीं .........थे ।


अपनी खुशियों की तो,

कभी खबर नहीं थी ।

तेरी खुशियों का दम भरते थे।

तुम्हारे भरोसे पर हम तो,

खुद पर भरोसा करते थे ।


लेकिन तुम हम पर ही ,

भरोसा नहीं करते थे ।

हम भूल में थे ।



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