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Shakuntla Agarwal

Tragedy

3  

Shakuntla Agarwal

Tragedy

घुँघटा

घुँघटा

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घुँघटा बैन करवा दे भरतार,

महीना आया गर्मी का,

रोटी पोऊँ आवै पसीना,

भीगे मेरा शरीर,

घुँघटा सरक गया रे भरतार,

महीना आया गर्मी का,

सास आँख दिखावै भरतार,

महीना आया गर्मी का,

पँखा जूड़े पे लगवा दे भरतार,

महीना आया गर्मी का,


कपड़े धोऊँ आवै पसीना,

भीगे मेरा शरीर,

थापी मारी घुँघटा उड़ गया,

मैं तो हुई अधीर,

सुसरा आँख दिखावै भरतार,

महीना आया गर्मी का,

घुँघटा सरक गया रे भरतार,

महीना आया गर्मी का,


हाथ में झाड़ू, आँगन भुआरूँ,

घुँघटा उड़ - उड़ जाये,

जिठानी ताने सुनावै भरतार,

घुँघटा सरक गया रे भरतार,

महीना आया गर्मी का,


हाथ में नेजु, सिर पे टोकनी,

पानी भरने जाऊँ,

घुँघटा रास न आवै भरतार,

नन्दी थप्पड़ दिखावै भरतार,

महीना आया गर्मी का,

घुँघटा सरक गया रे भरतार,

महीना आया गर्मी का,


सोने आऊँ, घुँघटा बैरी वो भी मेरे साथ,

कुछ भी नज़र न आवै भरतार,

महीना आया गर्मी का,

मैं तो सीढ़ियों में गिरी भरतार,

महीना आया गर्मी का,  

घुँघटा बैन करवा दे भरतार,

"शकुन" महीना आया गर्मी का||


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