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Hemant Yadav

Fantasy

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Hemant Yadav

Fantasy

करार

करार

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बदलते हुए मौसमों में इस दिल को ‘करार’ आ भी सकता है।

इस महीने में इश्क के इम्तिहान का नतीज़ा आ भी सकता है।।


हवाऐं आज-कल किसी अलग ही ‘धुन’ पर गुनगुना रही हैं।

मुमकिन है कि ऐसे मौसम में कोई पैगाम आ भी सकता है।।


मुद्दतों बाद वो ‘कलंदर’ मस्त है अपने में, गाने में, बजाने में।

ऐसे हसीन मंजर में शायद कोई जलजला आ भी सकता है।।


‘यकीनन’ हमसे इतने ‘फासले’ से मिलना ठीक नहीं है तेरा।

कभी हम जैसे मुफलिसों का अच्छा वक़्त आ भी सकता है।।


वक़्त के बादशाहों के हाथ में रहा है नए-नए दस्तूर चलाना।

वोट की चोट ना हो तो रहनुमा मनमानी पे आ भी सकता है।।


दरिया बहते हुए पहुंच गया है बिल्कुल समंदर के मुहाने पर।

ऐसे में समंदर ‘दरिया’ की हस्ती मिटाने पे आ भी सकता है।।


बीच सफर में जरा सोच समझकर ही ‘थामना’ उसका हाथ।

उसे डुबोने का ‘इल्ज़ाम’ बेवजह तेरे सर पे आ भी सकता है।।


बस इतनी सी इल्तिज़ा है वो एक बार पुकार के देख ले बस।

लौट के मौसम बहार का इन फिज़ाओं में आ भी सकता है।।


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