सरे आम बरस के क्यों मुज़रिम बना दिया सरे आम बरस के क्यों मुज़रिम बना दिया
मिलकर हम सबके यहां, नाचें-गाएं यार।। मिलकर हम सबके यहां, नाचें-गाएं यार।।
लाल घटामें श्याम सोहत है "नीरव" लख लख वारी जाइ । लाल घटामें श्याम सोहत है "नीरव" लख लख वारी जाइ ।
रिमझिम- रिमझिम बूंद बरसती, लगी काले बादलों की लड़ी। रिमझिम- रिमझिम बूंद बरसती, लगी काले बादलों की लड़ी।
मधुर मिलनकी पल है "मुरली" क्यूँ तुम प्यास नहीं बुझाती हो ? मधुर मिलनकी पल है "मुरली" क्यूँ तुम प्यास नहीं बुझाती हो ?
पाणिग्रहण की बेला, हाथों में मेहंदी साजन की रच जाती है पाणिग्रहण की बेला, हाथों में मेहंदी साजन की रच जाती है