STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

प्यार का रिश्ता

प्यार का रिश्ता

1 min
344

दिलसे चाहती हो तुम मुज़को,

क्यूँ दुनियासे ड़रती हो ?

ऐकरार करो मेरे प्यारका, 

क्यूँ मुज़से शरमाती हो ?


ऐतबार करो मेरे प्यार पर,

क्यूँ महेसुस नहीं करती हो ?

मै तो प्यारका सागर हुं ज़ानम,

क्यूँ मुज़से दूर रहेती हो ?


मौका मिला है प्यार करनेका,

क्यूँ मुज़से नहीं मिलती हो ?

वादें तो रोज़ करती हो तुम,

क्यूँ तुम नहीं निभाती हो ?


मेरी बनाना चाहता हुं तुमको,

क्यूँ छूप छूपकर रहेती हो ?

अखियोंमें झांखकर देखलो, 

क्यूँ नज़र नहीं मिलाती हो ?


प्यार का मल्हार बरस रहा है,

क्यूँ मुज़े आगमें ज़लाती हो ?

मधुर मिलनकी पल है "मुरली"

क्यूँ तुम प्यास नहीं बुझाती हो ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama