प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
दिलसे चाहती हो तुम मुज़को,
क्यूँ दुनियासे ड़रती हो ?
ऐकरार करो मेरे प्यारका,
क्यूँ मुज़से शरमाती हो ?
ऐतबार करो मेरे प्यार पर,
क्यूँ महेसुस नहीं करती हो ?
मै तो प्यारका सागर हुं ज़ानम,
क्यूँ मुज़से दूर रहेती हो ?
मौका मिला है प्यार करनेका,
क्यूँ मुज़से नहीं मिलती हो ?
वादें तो रोज़ करती हो तुम,
क्यूँ तुम नहीं निभाती हो ?
मेरी बनाना चाहता हुं तुमको,
क्यूँ छूप छूपकर रहेती हो ?
अखियोंमें झांखकर देखलो,
क्यूँ नज़र नहीं मिलाती हो ?
प्यार का मल्हार बरस रहा है,
क्यूँ मुज़े आगमें ज़लाती हो ?
मधुर मिलनकी पल है "मुरली"
क्यूँ तुम प्यास नहीं बुझाती हो ?

