आया सावन
आया सावन
रिमझिम- रिमझिम बूंद बरसती,
लगी काले बादलों की लड़ी।
मदहोशी का मौसम आया,
देखो आई सावन की घड़ी।।
रंग-बिरंगे फूल खिले हैं,
चहुं ओर छाई बहार।
मोर नाचते हैं मस्ती में,
गरजे मेघ गाए मल्हार।
सोलह सिंगार करके सखियां,
चली झूलने झूले।
त्योहारों के मौसम में,
मन ले रहा हिलोरें।।
प्यार भरी सौगातें लेकर,
सावन की घड़ी में आई।
कण-कण में सुगंध फैली है,
सबके घर में खुशियां छाई।।
