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Sumit. Malhotra

Romance

4  

Sumit. Malhotra

Romance

खट्टी-मीठी यादें

खट्टी-मीठी यादें

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आज भी तुम्हारा चांद सा मुखड़ा,

हमें ख़्यालों में भी नज़र आता है।


वो कितने हसीन पल जो मिलकर,

हम-तुम दोनों ने साथ-साथ गुजारें।


जब खट्टी-मीठी यादें याद हमें आती,

पलकें हमारी भिगोकर ही तो है जाती।


तुम मुझे जब भी समय मिले देखा करती,

जाने कैसी शर्म और बेबसी महसूस होती।


जब भी तुझे तेरे उनके साथ हंसते हुए देखे,

अब जाकर एहसास हुआ हम तुझे बेपनाह चाहे।


तुम मुझे सिर्फ चाहती ये तुम्हारे अदाएं बताती,

कैसी ये जिंदगी है ना हमारी जुदा हुए हम दोनों।


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