प्रकृति के गज़ब नज़ारे।
प्रकृति के गज़ब नज़ारे।
धरती पर पेड़-पौधे लगते प्यारे,
आसमान में सूर्य-चाँद है प्यारे।
वैसे ही प्रकृति के गज़ब नज़ारे,
इंद्रधनुष देख अच्छा लगे प्यारे।
बचपन से ही चाँद और सितारे,
आसमान में तकता था मैं सारे।
तब बहुत ज़्यादा अच्छा लगता,
चाँद की चाँदनी में देखता तारे।
टेलीस्कोप लेना हम भी चाहते,
मनपसंद तारे देखना है चाहते।
सूर्य-ग्रहण व चन्द्र-ग्रहण प्यारे,
देखने के लिए रोज़ नये नज़ारे।
देखने है हमें ब्रह्मांड के नज़ारे,
टेलीस्कोप मिली ही नहीं प्यारे।
फ़िर नहीं देखे हमने ये सितारे,
व्यस्त तो देख ही ना पाते तारे।
