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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

बेमौसम बरसात

बेमौसम बरसात

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बारिश का मौसम हों या बेमौसम बरसात,

बारिश में मोर और बच्चे करते ख़ूब स्नान। 


सूरज निकलता है तो पंछी ख़ूब गाते हैं,

बारिश हो तो मोर भी ख़ूब शोर मचाते हैं।


पंछियों के घोंसले डाल-डाल पर होते,

मोर लेकिन धरती का दीवाना हुआ।


उसको पंसद आता ज्यादा यही ठिकाना,

पंछी तो उड़ते रहते नीले आकाश में।


मोर उड़ता लेकिन दूर न जा पाये,

बारिश जब आती मनमोहक नृत्य ये दिखाये।


सबकुछ फीका-फीका पड़ जाता,

जब मोर नाचते-नाचते पंख लहराता।


हम सबको लगता है ये कितना प्यारा,

इसीलिए तो हैं शायद राष्ट्रीय पक्षी हमारा।


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