बसंत ऋतु का आगमन
बसंत ऋतु का आगमन
ऋतु राज का हुआ आगमन,
पूरी धरती बनी वृंदावन।
मां सरस्वती वीना छेड़े,
कृष्णा संग राधा रास खेले।
हरे भरे सुंदर बाग बगीचे,
मनमोहक दृश्य अपनी ओर खिंचे।
सुहाना मौसम,चारो ओर हरियाली है,
भौंरे की गुनगुन,कोयल मतवाली है।
फूलों से महकी है धरती मगन,
सुनहरी पीताम्बरी हो रहा गगन।
नदियां,झरने झूम कर बहती जाएं,
ठंडी मीठी हवाएं मन बहकाएं।
किसान खेतों में फसल उगाए,
धरती दुल्हन सी संवरती जाए।
प्रेम रस गगरिया छलकत जाए,
मल्हार नीत नए राग सुनाए।
सुनो मिताली मीठे गीत सुनाए,
जब सुहाना बसंत ऋतु आए।।