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श्याम मोहन नामदेव

Abstract

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श्याम मोहन नामदेव

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मेरा भारत देश

मेरा भारत देश

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देव वन्दिता पुनीत पावन, मेरा भारत देश।

इसकी महिमा न गा पाएं, ब्रह्मा विष्णु महेश।।


जिसका वंदन करतीं, हैं सब वेद ऋचाएं।

जिसकी गौरव गाथा, गाएं सभी दिशाएं।।

यहीं पे जन्में महावीर, अरु बुद्ध कृष्ण अवधेश।

इसकी महिमा न गा पाएं, ब्रह्मा विष्णु महेश।।


जिसने सारे जग को, ज्ञान का पाठ पढ़ाया।

इसीलिए तो यारो, ये विश्व गुरू कहलाया।।

जिसने विश्व बंधुता का, यह दिया प्रेम संदेश।

इसकी महिमा न गा पाएं, ब्रह्मा विष्णु महेश।।


कंकर कंकर शंकर, बूंद बूंद अमृत है।

मठ मस्जिद गुरुद्वारा, पग पग पर स्थित है।।

कबिरा रामानुज वल्लभ, अरु साईं से दरवेश।

इसकी महिमा न गा पाएं, ब्रह्मा विष्णु महेश।।


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