बसन्त आगमन
बसन्त आगमन
सखि देखो आया बसन्त।
सखि देखो आया बसन्त।।
कर के मन मोहित नव श्रृंगार, हाथों में ले स्वर्ण हार।
अभिनंदन करने को तैयार, अवलोक रहा है प्रकृति तंत्र।।
सखि देखो आया बसन्त।।
धर संवदिया का सुघर वेश, ले बसन्त आगमन का संदेश।
आई कोयल आमों के देश, गुंजन करते जहां भ्रमर वृंद।।
सखि देखो आया बसन्त।।
फैलाती गली में पीत सुमन, शीतल मंद सुगंध पवन।
हर्षित हैं सब वन उपवन, कलरव करते खग मृग बृहंद।।
सखि देखो आया बसन्त।।
किरणों संग करता महारास, रवि आया करता नवल हास।
मिलने नव बसन्त के पास, हर्षित मन आमोद वंत।।
सखि देखो आया बसन्त।।
कनक पलाश प्रसून प्रवर, लेकर सिन्दूर तिलक केशर।
माल्यार्पण करने को तत्पर, केवड़ा बिखेरता है सुगन्ध।।
सखि देखो आया बसन्त।।
शतदल से भ्रमर मधु लेकर, ले स्वर्ण मंजरी आम् प्रवर।
उपहार दिए सुन्दर सुन्दर, पूछे कोयल कब आओगे कंत।।
सखि देखो आया बसन्त।।