मेहमान बसंत
मेहमान बसंत
बसंत ऋतु जब आती है,
सारी कलियाँ खिल जाती है।
सतरंगी से आसमान मे,
सारे पक्षी चहचहाते है।
पेड़ भी जो ठूठे थे,
अब हरे भरे से नजर आते है।
ठण्डी भी अब जाने लगी है,
प्यार की ऋतु आने लगी है।
होगा अब महादेव का जय जय कार,
फिर आएगा होली का त्योहार।
सरस्वती पूजन से अब करेगे आरंभ,
देखो आए है मेहमान बसंत।
