एक रहस्यमई जंगल
एक रहस्यमई जंगल
एक रहस्यमई जंगल था,
दूर दूर तक अंधेरा छाया।
उसमें रहती कोयल थी,
जिसका रंग था काला।
जंगल में थे बहुत से जानवर,
डरते सब कोयल से।
कोयल को आता था,
कोई रहस्यमई जादू काला।
पेड़ की एक डाल पर,
उसका था बसेरा।
सूरज की किरण वहाँ,
कभी करती नहीं सबेरा।
जो जाता उस जंगल में,
कभी वापस नहीं आता था।
चलता नहीं उसका पता कोई,
उसका ठिकाना कोई नहीं बता पाता।
शेर और हाथी भी,
डरते थे कोयल से बहुत।
रात होते ही सब जानवर,
रहते थे चौकन्ने बहुत।
एक दिन मैंने देखा,
कोयल को रंग बदलते।
रात के अंधेरे में,
उस जंगल से निकलते।
