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Bhavna Thaker

Romance

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Bhavna Thaker

Romance

मेरे तसव्वुर की तस्वीर

मेरे तसव्वुर की तस्वीर

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तिश्नगी ए ज़िंदगी है तू तुझे नहीं पता,

आस का दीया बनकर जला करो मेरे आसपास,

कहाँ जी पाऊँगी दीदार के बिना

कुछ ऐसा करो कि जी जाऊँ।


मेरे तसव्वुर की तस्वीर,

मेरी इबादत मेरा खुदा कहीं ना जाओ

मेरे नादान दिल की अंजुमन में

छुपकर रहो सदा।


नज़्म के मिसरे में ढ़ालूँ कि होठों कि हंसी में सजाऊँ,

कहो पिया कौनसी जगह मेरे

अंगों की तुम्हारे नाम से रचाऊँ।


देखो मेरे माहताब पर शिकन रमती है

तुम्हारी आँखों से बहती उर्मियो की,

कहो कौनसी अदा तुम्हारी दिल में बसाऊँ।


नखशिख बसे हो तुम ही तुम मेरी रचनाओं की लय में,

शब्दों के ज़रिए उतर आते हो मेरी कल्पनाओं की झील में

क्यूँ ना पंक्तियों में महबूब तुम्हें सजाऊँ।


साँसों की जुम्बिश गुनगुनाती है तराने तुम्हारे प्रति मोह के,

ये धड़कन जब तुम्हें देखकर ही धड़कती हो

उस आलम में तुम्हीं कहो तुम्हें कैसे भूलाऊँ।


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