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Monika Jayesh Shah

Romance

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Monika Jayesh Shah

Romance

मोहब्बत

मोहब्बत

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मोहब्बत बेइंतहा हो गई।

इश्क इबादत इनायत हो गई।

तेरे प्यार की खुशबू

 मेरे जिस्म में ऐसे बस गयी..

हर बार एक नई कविता कर...

 हमारी नयी पहचान बन गई।

 तुम कहते हो ना दिल एक बार लगता है..


 सो तुमसे हमेशा के लिए जुड़ गया।

 देखो ना कितना प्यार उमड़ गया।

 तुम खास हो हमारे लिए हमेशा से.

तेरा साथ है इतना प्यारा !

लगे मुझे जहा अपना सारा

तेरे मिलन की अगन में..


जीवन बीत जाएं मेरा !

तुम कहते हो..

में हर पल तुम्हारे साथ हूं!

चाहें सुख हों या दुख में;

तब भी में तुम्हारे साथ हूं !

ले तेरा हाथों में हाथ ..

चलेंगे हम साथ –साथ !


जीवन की नैया करेंगे..

मिल कर पार साथ –साथ!

 तुम जीवन संगिनी बन

देना हर बार साथ !


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