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ritesh deo

Romance

4  

ritesh deo

Romance

तुम मेरे कौन मेरे

तुम मेरे कौन मेरे

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तुम मेरे लिए कौन हो ?

कहो!..तुम मेरे कौन हो ?


कभी तुम मुझसे बेवजह खूब लड़ते हो 

फिर आगे चल कर तुम ही मुझे मनाते हो


कभी मेरे हर संगीत में तुम मेरा साथ देते हो

फिर कभी मेरे लिए कई संगीत गुनगुनाते हो 


कभी मेरी हर कविता में खुद को ढूंढ़ते हो

फिर न ज़ाने मुझ पर कितनी ही कवितायें लिखते हो


कभी बच्चों की तरह तुम मूझसे बातें करते हो 

फिर कभी तुम बुज़ुर्गो के तरह मुझे समझते हो 


अच्छी लगती है क्यूँ तुम्हारी सारी बातें

क्यूँ मेरे लिए तुम सारी रात जागते हो


कभी मेरे लिए एक पल का दर्द बनते हो

और फिर मेरे सुकून की वजह तुम ही बनते हो


हर पल मुझे पाने का ख्वाब सजाते रहते हो

एक जोगन की प्रेम को तुम आस लगाए बैठे हो


कभी मुझे तुम बेगाने से लगते हो

कभी तुम अपने से लगने लगते हो..


वो जो कहते हो हर बार "तुम हमको भुला दो"! 

 "तुम मेरे कौन हो" यह तो बता सकते हो ?


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