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Prafulla Kumar Tripathi

Romance

4  

Prafulla Kumar Tripathi

Romance

व्यथा के शब्द (गीत)

व्यथा के शब्द (गीत)

1 min
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तुम छलकाओ विष

अमृत की घूँट समझ मैं पी जाऊँगा

मरते दम तक मेरी प्रियतम

साथ तुम्हारा ना छोडूंगा


सच है मैंने कष्ट दिए हैं

घाव दिए हैं, जख्म दिए हैं

तोड़ा है तेरे सपनों को

रोग दिए हैं शोक दिए हैं


हर पल बढ़ती तेरी उपेक्षा

प्यार समझ मैं सह जाऊँगा

मरते दम तक मेरी प्रियतम

साथ तुम्हारा ना छोडूंगा


सच मानो मन निर्मल ही था

जब -तब मैंने कष्ट दिए हैं

सच मानो मैं क्षुब्ध स्वयं हूँ

क्यों कर मैंने जुल्म किये हैं


सब तो बने पराये तुम भी

सोच नहीं मैं सकता था

अपनी व्यथा दबाये फिर भी

शब्द नहीं दे सकता था


पूरनमासी रात हमेशा

भला कहाँ मैं ला पाऊँगा

मरते दम तक मेरी प्रियतम,

साथ तुम्हारा ना छोडूंगा


चीर के देखो ह्रदय हमारा

धड़कन संग - संग पाऊँगा

मरते दम तक मेरी प्रियतम,

साथ तुम्हारा ना छोडूंगा।


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