हैं तैयार हम इसके शब्दों, लेखनी को अजर अमर करने को ! हैं तैयार हम इसके शब्दों, लेखनी को अजर अमर करने को !
मरते दम तक मेरी प्रियतम, साथ तुम्हारा ना छोडूंगा। मरते दम तक मेरी प्रियतम, साथ तुम्हारा ना छोडूंगा।
ये औरत ही है ज़नाब जो बनाती है एक आदमी को आदमी से इंसान। ये औरत ही है ज़नाब जो बनाती है एक आदमी को आदमी से इंसान।
पर हाय धरती मां का सीना छलनी करने में लज्जा ना आई। पर हाय धरती मां का सीना छलनी करने में लज्जा ना आई।
हो रहा है चीर हरण आज हर नारी का इस जमाने मे हो रहा है चीर हरण आज हर नारी का इस जमाने मे
दुशासन यूँ जबरन, मुझे खींच सभा में ले आया। वह अत्याचारी मन में, थोड़ा भी नहीं रहम लाया दुशासन यूँ जबरन, मुझे खींच सभा में ले आया। वह अत्याचारी मन में, थोड़ा भी नहीं ...