अब पीयूष न बरसे लब से सोम स्मित न झलके नभ से। अब पीयूष न बरसे लब से सोम स्मित न झलके नभ से।
हसरत यह अब भी जिन्दा है, दिल अपना एक परिंदा है।। हसरत यह अब भी जिन्दा है, दिल अपना एक परिंदा है।।
किया हर युग में, कितना अपमानित, कितने दुर्बल हो, हुआ यह प्रमाणित। किया हर युग में, कितना अपमानित, कितने दुर्बल हो, हुआ यह प्रमाणित।
दुशासन यूँ जबरन, मुझे खींच सभा में ले आया। वह अत्याचारी मन में, थोड़ा भी नहीं रहम लाया दुशासन यूँ जबरन, मुझे खींच सभा में ले आया। वह अत्याचारी मन में, थोड़ा भी नहीं ...
कर्मवीर कर्मोद्यत प्रतिपल हरक्षण समय समान प्रोद्यत पूर्व प्रसून जो कर्म निरत वो किसान कर्मवीर कर्मोद्यत प्रतिपल हरक्षण समय समान प्रोद्यत पूर्व प्रसून जो कर्म निरत...
आपकी डाँट, शस्त्र तत्व (नहीं मिली) आपका प्यार, हमारी साँस... आपकी यादें, सुन्दर आस... आपकी बेटी ह... आपकी डाँट, शस्त्र तत्व (नहीं मिली) आपका प्यार, हमारी साँस... आपकी यादें, सुन्द...