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Gyanesh Singh Gyanu Gopal

Tragedy

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Gyanesh Singh Gyanu Gopal

Tragedy

द्रौपदी पुकार

द्रौपदी पुकार

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धुन

याद आ रही है तेरी याद आ रही है।

        गीत

लाज जा रही है, मेरी लाज जा रही है।

लाज बचाने को तेरी, बहना बुला रही है।

लाज जा...

         १

दुशासन यूँ जबरन, मुझे खींच सभा में ले आया।

वह अत्याचारी मन में, थोड़ा भी नहीं रहम लाया।।

तुम ना आओगे तो, मेरी लाज जा रही है।

लाज...

          २

पांचों पति बैठे हैं, सम्मुख सर को आज झुकाये।

अपने बल पौरुष को, कोई आज नहीं दिखलाये।।

सभा में तेरी बहना, लाज जा रही है।

लाज जा...

         ३

सुन बहना की विनती, दौड़े आये कृष्ण मुरारी।

तुरत बढ़ाये बहना, की चीर को वनवारी।।

"ज्ञानू गोपाल" बहना, तेरा गुण गा रही है।

लाज ...


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