द्रौपदी पुकार
द्रौपदी पुकार
धुन
याद आ रही है तेरी याद आ रही है।
गीत
लाज जा रही है, मेरी लाज जा रही है।
लाज बचाने को तेरी, बहना बुला रही है।
लाज जा...
१
दुशासन यूँ जबरन, मुझे खींच सभा में ले आया।
वह अत्याचारी मन में, थोड़ा भी नहीं रहम लाया।।
तुम ना आओगे तो, मेरी लाज जा रही है।
लाज...
२
पांचों पति बैठे हैं, सम्मुख सर को आज झुकाये।
अपने बल पौरुष को, कोई आज नहीं दिखलाये।।
सभा में तेरी बहना, लाज जा रही है।
लाज जा...
३
सुन बहना की विनती, दौड़े आये कृष्ण मुरारी।
तुरत बढ़ाये बहना, की चीर को वनवारी।।
"ज्ञानू गोपाल" बहना, तेरा गुण गा रही है।
लाज ...