भीष्म जब शरशैया पर पड़े हैं
भीष्म जब शरशैया पर पड़े हैं
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धुन
हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम।
गीत
बाणों की सेज पर हैं पितामह पड़े,
उनको पानी पिलाना गजब हो गया।
सम्मुख अर्जुन और दुर्योधन है खड़े,
उनको नजरें मिलाना गजब हो गया।
बाणों की...
१
सर पितामह का नीचे लटक है रहा,
सर को ऊंचा करने के लिए है कहा।
जा के दुर्योधन लाया सजा सेज है,
उनके सर को उठाना गजब हो गया।।
बाणों...
२
अर्जुन ने तब निकाला है तरकश से सर,
झट पितामह के सर को है ऊँचा किया।
प्यास से यूँ तड़पते पड़े भीष्म है,
उनको पानी पिलाना गजब हो गया।
बाणों ...
३
प्यास से होकर व्याकुल कहा पार्थ से,
झट मेरी प्यास को तुम बुझाओ जरा।
बाण को छोड़ कर है मिटाई तृषा,
"ज्ञानेश" का मुस्कुराना गजब हो गया।
बाणों...