मंदोदरी रावण संवाद
मंदोदरी रावण संवाद


मान लो आज हे साजन,कहना मेरा।
ठीक होगा न राम से वैर ,करना तेरा।
मान लो...............
१
तुम जगजननी जगदम्बा, को चुरा लाये।
अकेली कुटिया से नारी,को उठा लाये।।
अच्छा होगा सिया का वापस, करना तेरा।
मान लो.............
२
राम से तुम विनयपूर्वक, नमन करना।
राम के चरणों में सिर झुकाकर, वंदन करना।।
ठीक होगा राम से प्रेम, करना तेरा।
मान लो.............
३
नाम लंका का एक दिन तो, मिट जाना है।
तेरे कुल में किसी का भी ना,रह पाना है।।
होगा"ज्ञानू गोपाल"जल्दी, मरना तेरा।
मान लो.............