न जाने क्यों हो जाती हूँ तुझसे मिलने को मैं पागल। जब जब घुमड़ घुमड़ कर घिर जाते है ये बादल। न जाने क्यों हो जाती हूँ तुझसे मिलने को मैं पागल। जब जब घुमड़ घुमड़ कर घि...
काम मेरा बस ये देखना प्रबल है कितना मेरा धीर काम मेरा बस ये देखना प्रबल है कितना मेरा धीर
मशीनी बंदूक के लक्ष्य होते है पराए। मशीनी बंदूक के लक्ष्य होते है पराए।
हमने दिल को जीता है अथवा तरकश के तीर बने हैं ये तो बस कुछ चेहरे ही समझा देते हैं ।। हमने दिल को जीता है अथवा तरकश के तीर बने हैं ये तो बस कुछ चेहरे ही समझा दे...
तैयार खड़ा था जीत के मैदान में हार से हाहाकार करने। तैयार खड़ा था जीत के मैदान में हार से हाहाकार करने।
हर वक़्त इतना कसैला मत बोलिये जनाब, लोग रोज-रोज करेला खाना पसंद नहीं करते। हर वक़्त इतना कसैला मत बोलिये जनाब, लोग रोज-रोज करेला खाना पसंद नहीं करते।