STORYMIRROR

Nalanda Wankhede

Inspirational

3  

Nalanda Wankhede

Inspirational

शब्दों के तीर

शब्दों के तीर

1 min
5.4K


हिसाब से चलाना

शब्दों के तीर जनाब,

यह वक्त है, जैसा भी हो

गुजर तो जाता है।


पर हरियाली पर

शब्दों के जख्म पिरो जाता है।


अदब से निकालिये

तरकश के तीर साहब,

यह मतलबी दुनिया है

गुलदस्ते को याद रखती है,

और गुलशन को भूल जाती है।


हर वक़्त इतना कसैला

मत बोलिये जनाब,

लोग रोज-रोज करेला

खाना पसंद नहीं करते।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational