ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
कहना है तुमसे बहुत कुछ,
कहाँ से शुरू करूँ नहीं पता,
कुछ तुम कहो, कुछ मैं कहूं,
ऐ जिन्दगी, कुछ तो बता।
वक्त का पता ना चला कब बीत गया,
मैंने तो अभी तुम्हें देखा भी ना था,
वक्त का बीता हुआ पहर,
फिर से ना आयेगा ये पता है मुझे,
फिर भी ऐ जिन्दगी कुछ तो बता।
ख्वाहिशों ने ख्वाहिश की तुझसे मिलने की,
पर तुझसे मिलने का फासला बहुत लम्बा था,
तेरे बिना मैं कुछ नहीं,मेरे बिना तुम नहीं।
ऐ जिन्दगी कुछ तो बता।
हर वो लम्हा याद है मुझे,
जब तुमने मुझे पुकारा था,
वो पल अब यादों के झरोखे में सिमटे है,
अब तो उन पलो को याद करके केवल मुस्कुराना है,
ऐ जिन्दगी कुछ तो बता।
आँखों में सपना है,
दिल में अरमान है,
उसे पूरा करना तेरा काम है,
क्योंकि तुम ही मेरी जिन्दगी हो।
ऐ जिन्दगी कुछ तो बता।