माँ
माँ
माँ शब्द का एहसास ही कुछ और होता है-२
क्योंकि यह हजारों, लाखों में नहीं,
पूरे ब्रह्माण्ड का सबसे शक्तिशाली शब्द है।
माँ की दुनिया तो
अपने बच्चों में ही समाई रहती है,
पता नहीं वो कितने दर्द को
अपने अन्दर छिपाए रखती है।-२
माँ का हृदय समन्दर सी गहराइयों को लिए फिरता है,
ना जाने इसमें कितने
आशीर्वादों का बवन्डर भरा है।-२
पता नहीं वो किस तरह
हर दर्द को छिपा के हमेशा मुस्कराती है,
वो 'माँ' है इसलिए मुस्कराती है।-२
बीमार होने पर कहती है मैं ठीक हूँ,
कुछ नहीं हुआ मुझे,
ओर फिर काम पर लग जाती है।
अपने बच्चों की खुशी के लिए
कुछ भी कर गुजरने की हिम्मत रखती है ,
क्योंकि वो 'माँ' है।-२
माँ शब्द का एहसास ही कुछ ओर होता है
