बालाजी तुम ही सिर्फ साखी की जिंदगी हो तुझे भूल जाऊं, जिंदगी लगती मौत जैसी है बालाजी तुम ही सिर्फ साखी की जिंदगी हो तुझे भूल जाऊं, जिंदगी लगती मौत जैसी है
माँ का हृदय समन्दर सी गहराइयों को लिए फिरता है, माँ का हृदय समन्दर सी गहराइयों को लिए फिरता है,