आसमां ने कहा
आसमां ने कहा
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आसमां ने कुछ यूं कहा ,
देखते ही मुझको।
क्यूं मायूस है आज तू,
क्यूं खफा है आज तू,
मैंने भी उससे कहा,
सुन ले आज तू,
ना मैं मायूस हूँ ,
ना मैं खफा हूँ।
चाँद की चाँदनी,
आज कुछ यूं बिखरी,
चेहरे की मुस्कान ने,
कुछ यूं बयां किया,
देखते ही देखते,
सपनों का बादल यूं छटा,
मानो सारा भ्रम अभी टूटा।
आँखों में नीर था,
मन में उद्वेग था,
क्या आज तुमसे मैं,
मायूस और खफा था।
आसमां ने कुछ यूं कहा,
देखते ही मुझको।