और कितना बटोगे?
और कितना बटोगे?
कभी जात से,
कभी कर्म से,
कभी किसी रंग से,
कभी किसी धर्म से,
कभी वस्त्र से,
कभी शस्त्र से,
कभी किसी आशा से,
कभी किसी भाषा से,
कभी शीत से,
कभी धूप से,
कभी लिंग से,
कभी किसी रूप से,
कभी योजन से,
कभी भोजन से,
कभी किसी परिणाम से,
कभी बस प्रयोजन से,
कभी गुण से,
कभी धुन से,
कभी स्थिति से,
कभी परिस्थिति से,
कभी क्रीड़ा से,
कभी नृत्य से,
कभी किसी भाव से,
कभी किसी कृत्य से,
कभी आकार से,
कभी किसी प्रकार से,
कभी कुछ बात से,
कभी बस व्यहवार से,
कभी कद से,
कभी मद से,
कभी सिर्फ अहम से,
कभी किसी पद से,
कभी टोली से,
कभी बोली से,
कभी किसी उत्सव से,
कभी किसी रंगोली से,
कभी मन से,
कभी धन से,
कभी बस तन से,
कभी नामे वतन से,
कभी पूजा से,
कभी जुबान से,
कभी किसी स्थान से,
कभी बुर्जुगों के मान से,
कभी आवाज से,
कभी किसी साज से,
कभी किसी कल से,
कभी किसी आज से......
हर विमा पर बट चुके,
और कितना बँटोगे?
