रिमझिम रिमझिम मौसम आया
रिमझिम रिमझिम मौसम आया


वीर छंद या आल्हा छंद या मात्रिक सवैया
रिमझिम-रिमझिम मौसम आया,
नभ में धर बादल का साथ।
इस मौसम में झूम उठे सब,
साथ प्रितम का लेकर हाथ।।
धरती भी अब आल्हादित हैं,
पाकर बरखा की सौगात।
मेघों के इन आलिंगन से,
धरती पर है दिन में रात।। १।।
रिमझिम-रिमझिम बरखा में अब,
मिले संगीत की सौगात।
दादूर संग रातकिडा भी,
गाना गाता सारी रात।।
मोर नाचते छमछम वन में,
देख मेघ को भर मुस्कान।
राग पपीहा सुंदर गाते,
कोयल छेड़े मधुरिम तान।। २।।
कलियों के इर्द-गिर्द भवँरा,
गुनगुन करता मन की बात।
टप टप बूंदे पड़े डाल पर,
सुर मे गाते कोमल पात।।
मौसम है यह बड़ा सुहाना,
तलती भजिया मेरी जान।
भजिया खाते चाय संग में ,
"गोकुल" छेड़े सुर में तान।। ३।।