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Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract

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Govardhan Bisen 'Gokul'

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पचं नही या बात

पचं नही या बात

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देखो भर उन्हारो माँ, बेमौसम बरसात।

एप्रील को आखिर मा, पचं नही या बात।।


पचं नही या बात, कसा दिवस सेत आया।

निसर्गला छेड़स्यान, मानुस सपा भरमाया।।


करनी को फल संग, निसर्ग को मार सेको।

सुधरो नहीत मंग, ये असाच दिवस देखो।।१।।


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