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Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Inspirational

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Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Inspirational

मां, तेरे आशिर्वाद से

मां, तेरे आशिर्वाद से

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(विधा - मुक्तायन काव्य)


मां के लिए दुनिया में  

पर्याप्त शब्द नहीं है कही।

मां के उपर क्या लिखूँ?

मां के उपर लिख सकूँ इतना

मेरा व्यक्तित्व महान नहीं ।।१।।


जीवन यह खेत है तो

मां कुएं का सहारा है।

मां मेरे लिए क्या नहीं है?

जीवन यह नैया है तो

मां नदी का किनारा है।।२।।


मां भजनों में गुनगुनाती 

ऐसी मीठी संतवाणी है।

मां के बारे में और क्या बताऊं?

मां रेगिस्तान में पियो 

ऐसा ठंडा ठंडा पाणी है।।३।।


मां तू धूप में छांव है

मां तू बरसात में छाता

मां तू मेरे लिए क्या नहीं है?

मां तू ठंड में शाल है।

मां तेरे आशीर्वाद से

मेरा जीवन खुशहाल है।।४।।



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