STORYMIRROR

Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Comedy Children

4  

Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Comedy Children

बाल कविता - बंदर की शादी

बाल कविता - बंदर की शादी

1 min
418

मंगल धुन आयी आवाज।

भालू का बाजा पखवाज।।

तोता भी शहनाई बाज।

जंगल में शादी है आज।।१।।


आयी बंदर की बारात।

बंदरिया संग फेरे सात।।

खाने में है सब्जी भात।

सबको मिली है सौगात।।२।।


हाथी घोड़ा है उस्ताद।

थाली में है लिया सलाद।।

बाघ शेर भी दो अपवाद।

मस्त भात का लेते स्वाद।।३।।


सियार लोमड़ी को आस।

खाने मिलेगा हमे मांस।।

रातभर बढ़िया किया डांस।

उनको फिर भी न मिला चांस।।४।।


बंदरिया भी करे धमाल।

पहनके मस्त साड़ी लाल।।

बंदर भी मारते उछाल।

मंडप में गुंज रहा ताल।।५।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract