जीवन है अनमोल
जीवन है अनमोल
(विधा - चौपाई छंद की दो आवृत्ती)
(हरेक पंक्ति मात्रा - ३२, यती - १६,१६ मात्रापर)
जीवन है अनमोल बड़ा यह,
करो सोचकर सभी गुजारा |
बड़ा जटिल है सबको मिलना,
मानव जीवन सुखी दुबारा ||
आये हो इस पावन जग में,
कुछ तो अच्छी करनी कीजै |
सत्पथपर चलकर ही अपना,
सज्जनता का परिचय दीजै ||१||
राम नाम का जाप छोड़कर,
कहां चले हो पाप के राही |
ईश्वर के उन दरबारो में,
कौन दिलाए तुम्हे गवाही ||
सत्य, अहिंसा, न्याय पथोपर,
आप नित्य ही चलना सीखे |
नेक कर्म दुनिया में करके,
इतिहास एक लिखना सीखे ||२||
इस धरतीपर कुकर्म करके,
क्यू करते अपनी बदनामी |
भूलो न उपर देख रहा है,
सदा आप को अंतर्यामी ||
बंद करो आपस में लड़ना,
बनो साथ में सब सत्संगी |
अच्छी अच्छी पुस्तक पढ़कर,
साधो जीवन यह बहुरंगी ||३||
जन्म लिये हो मानव का तो,
धर्म सीखिए मानवता के |
नीती मुल्यो को अपनाकर,
कर्म छोड़िए दानवता के ||
जीवन है अनमोल बड़ा यह,
करलो सुंदर सभी गुजारा |
नेक कर्म से तुम्हे मिलेगा,
मानव जीवन सुखी दुबारा ||४||