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Garima Kanskar

Abstract

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Garima Kanskar

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मानो कल की बात हो

मानो कल की बात हो

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मानो कल की ही बात हो

ऐसा लगता ही नही कि

सात बरस हो गये हैं

सच मे वक़्त कितनी

जल्दी बीत जाता है

इस बात का अंदाजा

लगाना बहुत ही मुश्किल है

तुम इतने बड़े हो गये हो

आज पूरे सात साल के हो गये हो

मुझे लगता है तुम मेरे बेटे नही

मेरे दोस्त हो

जो हर पल मुझे थामे रहता है

क्या सही क्या गलत

क्या करना है क्या नही करना है

सब मे साथ रहता है

कितनी भी थक जाऊँ

तुम्हारे मुँह से माँ सुनकर

सब भूल जाती हूँ

मुझें माँ बने साथ साल ही गये है

मेरे दुनियाँ तुम्हारे आने से बहुत खूबसूरत हो गई 

फिर भी सब कुछ ऐसा लगता है

जैसे मानो कल की बात हो.


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