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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Abstract

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Shayra dr. Zeenat ahsaan

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पैसा

पैसा

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चाहे कोई होवे कैसा 

सबको नाच नचाता पैसा

पैसे बिन ना कुछ है सुहाता 

हर कोई इसके गुण है गाता 

तिकड़म को है खूब लगता 

वो उतना ही ज़्यादा कमाता 

 

पैसे की तो यही कहानी  

इसके पीछे दुनिया दीवानी 

इसने बांटा घर संसार 

आंगन वांगन दर और द्वार 

भाई बहन या दोस्त हज़ार 

इसके लिए सबसे तकरार  


 दुनिया में इसका कोई न सानी 

 इसके पीछे दुनिया दीवानी 

बाप की कीमत बेटा न जाने 

 नौकर सेठ को ना पहचाने 

इसके खातिर ले ले जान  

लुट गए कितने अमीर और दानी  

इसके पीछे दुनिया दीवानी 


सब रिश्तो में ये अनमोल  

इसका नहीं है अब तक तौल 

दिखने में ये एकदम गोल 

जीवन में इसका अहम हैं रोल  

इसके कारण आंख में पानी  

इसके पीछे दुनिया दीवानी 


 रिश्तों की क़ीमत पहचानों 

सिर्फ पैसे को न अपना जानों 

पैसा ही गर सब कुछ होता 

अमीर मौत कि नींद न सोता 

पैसे की कितनी हैं कहानी 

इसके पीछे दुनिया दीवानी 

 

घमंड गुरूर का घर है पैसा 

 आज पास तो कल नहीं पैसा 

 कहते हैं दादा और हैं नानी 

 इसके पीछे दुनिया दीवानी। 



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