दिव्य नारी
दिव्य नारी
संसार की प्रत्येक नारी दिव्य नारी है
जब तक नारी है तब तक सृष्टि हमारी है
मनुष्य का सृजन करने वाली यह नारी है
करुणा से भरी है बस यही उसकी लाचारी है
कभी कम ना करना उसे अपनी नजरों से
क्योंकि वही दुर्गा है वही भवानी है
करती है जब तांडव तब इतिहास बनते हैं
जितनी कोमल है उतनी ही घातक उसकी वाणी है।
