मन की जीत
मन की जीत
मन से यदि हम हार गए,
तो जीवन में फिर कैसे जीतेंगे,
मन में यदि हम विजयी है,
तो हम एक दिन खुद को साबित कर पाएंगे,
हमारी सोच ही हमारी जीत या हार तय करती है,
जैसे विचार मन में पनपते हैं जीवन को वैसे ही तराशती है,
कोयला और हीरा भी तो एक ही खान में पाए जाते हैं,
केवल संघर्ष, सब्र और सहनशक्ति ही
कोयले को हीरे में परिवर्तित करती है,
यह तो हम पर निर्भर करता है,
कि हम क्या चाहते हैं,
कोयले की तरह जीवन भर जलना चाहते हैं कि
हीरे की तरह जगमगाना चाहते हैं।
