वक्त थम नहीं जाता
वक्त थम नहीं जाता
वक्त थम नहीं जाता
किसी के रुक जाने से
पिछड़े हुए का साथ छोड़ कर
बहता जाता है
अपनी मंज़िल की ओर।
मंज़िल का कोई पता नहीं
फिर भी कभी यह थकता नहीं
किसी के लिए रुकता नहीं
इंतजार में पल खोता नहीं।
ज़िंदगी रुक नहीं जाती
सपनों के टूट जाने से
हर दर्द को अपना बनाकर
बढ़ती जाती है
संघर्ष की पटरी पर ।
मुश्किल लगता है डगर
नामुमकिन नहीं कुछ भी मगर
वक्त के साथ जब मिल जाए पैर
आसान हो जाती है सफर ।
