कभी बेटी है, कभी मां है
कभी बेटी है, कभी मां है
कभी कड़कती धूप है
शक्ति का तु रुप है
कभी तु ठंडी छांव है
सपनों से भरी नाव है ।
तैरके जाना मुश्किल है
दुनिया का समंदर गहरा
पर दुःख की लहरें लौट जाती हैं
छूकर तेरा किनारा ।
आशा के दीये जलाकर तू
दिलों में भरती खुशी है
आंखों में आंसू भरके भी
तू बांटती सबमें हंसी है ।
कभी बेटी है, कभी मां है
तू प्यार की बहती धारा है
मान मेरी, सम्मान मेरी
अमृत सा नाम तेरा प्यारा है ।