किसकी नज़र
किसकी नज़र
दिल की धड़कन पूछ रही है
मुश्किल सांसों को
यह किसकी नज़र लग गई है
इस विशाल सृष्टि को ?
जाने पहचाने चेहरे छुप गए
अंजान मुखौटे के पीछे
घर के दरवाजे बंद रह गए
मायूस हो गई आंखें ।
चार दीवारों में बंद ज़िंदगी
यह कैसी उदासी छाई
हर तरफ है डर का कहर
यह कैसी स्थिति है आई
विषाणु की विष की ज्वाला
हर तन को तड़पाती
यह किसकी कोप की अग्नी से
जल रही है धरती ?